यस बैंक ने अपने लिए ताजा इक्विटी लाने में कई सारे कदम उठाए

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण यस बैंक के मामले में शुक्रवार शाम प्रेस कांफ्रेंस कर रही हैं। इस प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा है कि यस बैंक का मामला कल ही प्रकाश में नहीं आया है, बल्कि हम लंबे समय से इसे देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि आरबीआई साल 2017 से इस मामले पर बारीकी से नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा कि मई 2019 से वे खुद सीधे तौर पर मामले से जुड़े कार्य देख रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार मामले पर नजर बनाए हुए है।


यस बैंक ने अपने लिए ताजा इक्विटी लाने में कई सारे कदम उठाए थे। 


नवंबर 2019 में बैंक को नकदी लाने की दिशा में कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही थी और चीजें गंभीर होती गईं।


जमा और देनदारियों पर असर नहीं पड़ेगा। करीब एक साल तक के लिए नौकरियां और वेतन सुरक्षित होने का आश्वासन दिया जाता है।


आरबीआई ने आश्वस्त किया है कि रीकंस्ट्रक्शन प्लान बैंक पर रोक की अवधि के भीतर ही प्रभाव में आ जाएगा। एसबीआई ने यस बैंक में निवेश करने की इच्छा जाहिर की है।


इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री ने यस बैंक मामले में कहा, 'मैं सभी जमाकर्ताओं को आश्वस्त करना चाहती हूं कि उनका पैसा सुरक्षित है। मैं लगातार रिज़र्व बैंक के संपर्क में हूं। जो कदम उठाए गए हैं, वे जमाकर्ताओं, बैंक और अर्थव्यवस्था के हित में हैं। आरबीआई गवर्नर ने मुझे आश्वस्त किया है कि मामले का जल्द ही समाधान निकाल लिया जाएगा। आरबीआई और भारत सरकार दोनों ही इस संबंध में काम कर रहे हैं। मैं निजी तौर पर आरबीआई के साथ कुछ महीनों से इस समस्या पर नजर रख रही हूं और हमने वे कदम उठाए हैं, जो सभी के हित में हैं।'


गौरतलब है कि गुरुवार को आरबीआई ने नकदी संकट से जूझ रहे यस बैंक के निदेशक मंडल को भंग कर दिया था। साथ ही बैंक के जमाकर्ताओं के लिए एक महीने में 50,000 रुपये की निकासी की सीमा भी तय कर दी थी।